
ज्ञानदीप मंच ने उपन्यास 'गायकन दे चुबारे' का लोकार्पण किया
पटियाला- ज्ञानदीप साहित्य साधना मंच (पंजीकृत) पटियाला ने भाषा विभाग के सेमिनार हॉल में साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डॉ. जी.एस. आनंद ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध गीतकार एवं उपन्यासकार धरम कमेआना ने भाग लिया। अध्यक्षीय सभा में गुरदीप सिंह सग्गू, त्रिलोक ढिल्लों, गुरचरण सिंह चन्न पटियालवी, सुखविंदर कौर सुख और दर्शन सिंह दर्श पसियाना भी मौजूद थे। मंच द्वारा धरम कमेआना के नए उपन्यास 'गायकन दे चुबारे' का लोकार्पण भी किया गया।
पटियाला- ज्ञानदीप साहित्य साधना मंच (पंजीकृत) पटियाला ने भाषा विभाग के सेमिनार हॉल में साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष डॉ. जी.एस. आनंद ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध गीतकार एवं उपन्यासकार धरम कमेआना ने भाग लिया। अध्यक्षीय सभा में गुरदीप सिंह सग्गू, त्रिलोक ढिल्लों, गुरचरण सिंह चन्न पटियालवी, सुखविंदर कौर सुख और दर्शन सिंह दर्श पसियाना भी मौजूद थे। मंच द्वारा धरम कमेआना के नए उपन्यास 'गायकन दे चुबारे' का लोकार्पण भी किया गया।
कार्यक्रम के बारे में बोलते हुए धरम कमेआना ने कहा कि आज के कार्यक्रम में अधिकांश संगीतमय कविताएं तरन्नम में पढ़ी गईं, जो इस बात का संकेत है कि हमारी कविता संगीत की ओर लौट रही है।
अध्यक्षीय भाषण देते हुए डॉ. जी.एस. आनंद ने कहा कि हर लेखक की रचना में सच्चाई और सुंदरता के माध्यम से वास्तविकता को प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
काव्य सत्र में उपस्थित प्रसिद्ध कवियों में गुरचरण पबराली, बचन सिंह गुर्म, जसविंदर सिंह खारा, डॉ. संतोख सुखी, गुरदर्शन सिंह गुसिल, तेजिंदर अंजना, त्रिलोक ढिल्लों, गुरचरण सिंह चैन पटियालवी, सुखविंदर कौर सुख, गुरप्रीत ढिल्लों, मंगत खान, अंग्रेज विर्क, डॉ. गुरविंदर अमन, अवतारजीत, बलविंदर भट्टी, सुखविंदर सिंह, जग्गा रंगूवाल, बलबीर सिंह, दिलदार, कृष्ण धीमान, जोगा सिंह धनौला, जसविंदर कौर, निर्मला गर्ग, स्नेह दीप नूर, बलविंदर कौर थिंद, हरजीत कौर, धन्ना सिंह खरौद, गुरमुख सिंह जगी, गोपाल शर्मा (कलाकार) के अलावा सुरिंदर बेदी, इमरान खान, राजेश्वर कुमार, राजेश कोटिया और मुकेश शामिल थे। मंच संचालन दर्शन सिंह दर्श पसियाना ने किया और फोटोग्राफी की जिम्मेदारी गुरमेल सिंह एसडीओ ने निभाई।
