
पटियाला में राष्ट्रीय लोक अदालत में 13 हजार से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया
पटियाला, 11 मई - सभी प्रकार के मामलों (गैर-शमन योग्य आपराधिक मामलों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण पटियाला मैडम रूपिंदरजीत चहल की देखरेख में जिला पटियाला में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला पटियाला में 32 बेंच (पटियाला में 18, राजपुरा में 5, नाभा में 3 और समाना में 4) का गठन किया गया।
पटियाला, 11 मई - सभी प्रकार के मामलों (गैर-शमन योग्य आपराधिक मामलों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण पटियाला मैडम रूपिंदरजीत चहल की देखरेख में जिला पटियाला में आयोजित की गई। इस अवसर पर जिला पटियाला में 32 बेंच (पटियाला में 18, राजपुरा में 5, नाभा में 3 और समाना में 4) का गठन किया गया।
नामांतरण व बंटवारा आदि से संबंधित अधिक से अधिक मामलों के निपटारे के लिए जिला पटियाला के राजस्व न्यायालय में एक बैंच का भी गठन किया गया। इसके अलावा, वैवाहिक विवादों के मामलों को दर्ज करने से पहले आपसी समझौते के माध्यम से मामलों को निपटाने के लिए महिला सेल, पटियाला में एक बेंच का भी गठन किया गया था। इस राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान विभिन्न श्रेणियों के तहत 28401 मामलों की सुनवाई की गई और कुल 13481 मामलों का आपसी सहमति से निपटारा किया गया और 61,41,90,692/- रुपये के अवार्ड पारित किये गये। राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान मैडम रूपिंदरजीत चहल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश-सह-अध्यक्ष, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, पटियाला ने मैडम मणि अरोड़ा, सीजेएम/सचिव, जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, पटियाला के साथ इस राष्ट्रीय लोक अदालत की बेंचों का दौरा किया और पक्षों को अपने विवादों को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
मैडम मणि अरोड़ा ने लोक अदालतों के कई फायदों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक बार लोक अदालत में किसी मामले का निपटारा हो जाने के बाद उसका निर्णय अंतिम हो जाता है और उसके खिलाफ अपील नहीं की जा सकती। इसके अलावा, पार्टियों द्वारा पहले भुगतान की गई कोई भी अदालती फीस वापस कर दी जाती है। यह प्रक्रिया शामिल पक्षों की पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों के अनुसार विवादों का त्वरित समाधान सुनिश्चित करती है, जिससे सभी के लिए लाभकारी परिणाम निकलता है। राष्ट्रीय लोक अदालत की एक महत्वपूर्ण विशेषता प्रधान न्यायाधीश श्री मुनीश अरोड़ा और अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश श्रीमती दीपिका सिंह के पारिवारिक न्यायालयों में लंबित 164 पारिवारिक विवादों के मामलों का निपटारा करना था।
