
सरकार को मिड-डे मील और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाना चाहिए
गढ़शंकर, 23 मार्च: मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन और डेमोक्रेटिक आशा एवं फैसिलिटेटर यूनियन ने बजट सत्र में मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की है। मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की नेता बलविंदर कौर, कमलजीत कौर, डेमोक्रेटिक आशा वर्कर्स यूनियन की नेता सुषमा, किरण बाला, बेबी व रावल कौर तथा डीएमएफ नेता हंस राज गढ़शंकर, सतपाल कलेर ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के नेताओं ने विभिन्न वर्गों से उनकी मांगों को लेकर वादे किए थे।
गढ़शंकर, 23 मार्च: मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन और डेमोक्रेटिक आशा एवं फैसिलिटेटर यूनियन ने बजट सत्र में मानदेय में बढ़ोतरी की मांग की है। मिड-डे मील वर्कर्स यूनियन की नेता बलविंदर कौर, कमलजीत कौर, डेमोक्रेटिक आशा वर्कर्स यूनियन की नेता सुषमा, किरण बाला, बेबी व रावल कौर तथा डीएमएफ नेता हंस राज गढ़शंकर, सतपाल कलेर ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन मुख्य विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के नेताओं ने विभिन्न वर्गों से उनकी मांगों को लेकर वादे किए थे।
इसी प्रकार तत्कालीन आम आदमी पार्टी के नेताओं व भगवंत मान ने भी मानदेय कर्मियों से वादा किया था कि सरकार बनते ही मिड-डे मील कर्मियों को मिलने वाला मानदेय 3000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया जाएगा तथा इसी प्रकार आशा व फैसिलिटेटरों का मानदेय दोगुना किया जाएगा। लेकिन तीन साल बीत जाने के बावजूद सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
न केवल मानदेय बढ़ाया जाना था, बल्कि मानदेय कर्मियों के विभिन्न कार्यों को बढ़ाने के लिए हर माह नए पत्र जारी किए जा रहे हैं तथा नए प्रकार के भोजन तैयार करने के आदेश दिए जा रहे हैं। नेताओं ने मांग की कि महंगाई के इस दौर में जीवन यापन करना बहुत मुश्किल है तथा मानदेय कर्मियों पर न्यूनतम मजदूरी कानून लागू किया जाए तथा मानदेय बढ़ाकर अठारह हजार रुपये किया जाए। वर्ष में दो मौसमों के लिए दो प्रकार की वर्दी उपलब्ध कराई जाए तथा प्रत्येक श्रमिक को पांच लाख का निशुल्क बीमा उपलब्ध कराया जाए।
मानदेय कर्मियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को नहीं माना तो उनका संगठन पंजाब स्तर पर संघर्ष करने को मजबूर होगा।
