साथी सतपाल लाठ को श्रद्धांजलि अर्पित

होशियारपुर- समाज में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर देते हैं और ऐसे लोग समाज में रहते हुए मजदूर वर्ग के जीवन स्तर और कर्मचारी वर्ग की सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा बनते हैं और दूसरों को भी जीवन की परीक्षा करना सिखाते हैं।

होशियारपुर- समाज में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपना पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए समर्पित कर देते हैं और ऐसे लोग समाज में रहते हुए मजदूर वर्ग के जीवन स्तर और कर्मचारी वर्ग की सेवा शर्तों को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा बनते हैं और दूसरों को भी जीवन की परीक्षा करना सिखाते हैं। 
ऐसे ही एक नेता साथी सतपाल लाठ, जो 9 फरवरी को हम सभी को हमेशा के लिए छोड़कर चले गए, को उनके गांव गोंदपुर के निकट माहिलपुर में श्रद्धांजलि दी गई। इस श्रद्धांजलि में सामाजिक, संगठनात्मक, राजनीतिक नेताओं, साथी लाठ के युद्ध साथियों, कर्मचारियों, पेंशनरों और क्षेत्र के निवासियों ने नम आंखों से भाग लिया। 
इस समारोह में विशेष रूप से पहुंचे आरएमपीआई के राष्ट्रीय सचिव कै. मंगत राम पासला ने समागम को संबोधित करते हुए कहा कि साथी लाठ सच्चे दिल से लोगों के संघर्षों से प्यार करने वाले एक सच्चे नेता थे तथा लोगों के दुख-दर्द को अपना समझने वाले एक संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने कहा कि समाज में लूट-खसोट को समाप्त करके बाबा नानक, बाबा साहिब तथा शहीद भगत सिंह के सपनों का समाज बनाने के लिए साथी लाठ द्वारा उठाए गए दृढ़ कदमों को यह सच्ची श्रद्धांजलि है। 
प्रसिद्ध ट्रेड यूनियन नेता तथा पार्टी के राज्य सचिव कै. हरकंवल सिंह ने कहा कि साथी लाठ ने जहां अपनी सरकारी सेवा के दौरान सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों तथा अफसरशाही की मनमानी के खिलाफ संघर्ष का झंडा बुलंद किया, वहीं उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के बाद अपना पूरा जीवन दबे-कुचले लोगों के जीवन स्तर को सम्मानजनक बनाने के लिए समर्पित कर दिया। 
इस श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए माकपा नेता कै. दर्शन सिंह मट्टू ने कहा कि कामरेड सतपाल लठ के मधुर व वाकपटु स्वभाव के कारण आम लोग भी उनकी बातें बड़े ध्यान से सुनते थे और हर बात को तर्कपूर्ण तरीके से समझाने के कारण वे आम लोगों को भी जन संघर्षों में शामिल करते थे। समूचे मजदूर आंदोलन को एकजुट करने में उनका सहयोग ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। 
इस अवसर पर बोलते हुए पी.एस.एस.एफ. फार्मेसी अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष मक्खन सिंह वाहिदपुरी, फार्मेसी अधिकारी संघ के जिला अध्यक्ष इंद्रजीत विरदी, पेंशनर्स कल्याण संघ के जिला अध्यक्ष कुलवरन सिंह, कल्याण समिति के नेता रामजीदास चौहान, मलकीत सिंह बाहोवाल, किसान नेता तलविंदर सिंह हीर ने कहा कि साथी लठ के असामयिक निधन से परिवार व समाज को बहुत बड़ी क्षति हुई है। 
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट के पद पर सेवा करते हुए ड्यूटी के पहले दिन से ही कर्मचारी वर्ग को आ रही मुश्किलों व सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ चल रहे संघर्ष का हिस्सा बनने की इच्छा उनके मन में जागृत हो गई थी। साथी लाठ ने पारिवारिक व सामाजिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ कर्मचारियों को संगठित करने तथा उनकी मांगों के समाधान के लिए संघर्ष के मार्ग पर ले जाने की जिम्मेदारी भी प्राथमिकता के तौर पर निभाई। 
सेवानिवृत्ति के बाद भी वे पेंशनर वर्ग की समस्याओं के समाधान के लिए चल रहे संघर्ष का हिस्सा बने रहे तथा अग्रणी भूमिका निभाते रहे। आरएमपीआई के जिला अध्यक्ष ज्ञान सिंह गुप्ता ने सभी साथियों का धन्यवाद करते हुए कहा कि सत्यपाल लाठ के श्रद्धांजलि समारोह में आने का एकमात्र लाभ यह है कि हम उनके पदचिन्हों पर चलते हुए जनकल्याण को परम धर्म मानें। उन्होंने परिवार का धन्यवाद करते हुए यह भी कहा कि यदि उनकी पुत्री व पत्नी, उनके बेटे राजीव कुमार, संजीव कुमार व भाई अशोक लाठ ने पूरा सहयोग न किया होता तो शायद सत्यपाल लाठ एक साधारण इंसान ही रह जाते। 
अंत में सत्यपाल गुप्ता ने कहा कि सत्यपाल लाठ अपने किए कार्यों से सदैव अमर रहेंगे। इस मौके पर उपरोक्त नेताओं के अलावा मक्खन सिंह लंगेरी, मनजीत सिंह सैनी, प्रदुमन गौतम, इकबाल सिंह जस्सोवाल, डॉ. सुखदेव सिंह ढिल्लों, सरूप चांदबीरामपुर, परमजीत कातिब, राम कुमार, तरसेम सिंह हरियाणा, सुखदेव जाजा, अमरजीत कुमार, बलराज सिंह सैनी, शाम सुंदर कपूर, कमलजीत कौर, हरभजन सिंह अजनोहा, मनजीत बाजवा, स्वर्ण सिंह मुकेरियां, धरमिंदर सिंह, बलवंत राम, गोपाल दास मल्होत्रा, रघवीर सिंह, दीपक ठाकुर, गुरप्रीत सिंह मकीमपुर, शिंगारा राम भज्जल, ज्ञानी अवतार सिंह, राजीव शर्मा आदि नेता भी मौजूद थे।