
"विश्व ग्लूकोमा सप्ताह" को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने "भविष्य को स्पष्ट रूप से देखें" थीम के तहत जागरूकता रैली का आयोजन किया
होशियारपुर- स्वास्थ्य विभाग पंजाब के दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्व ग्लूकोमा (मोतियाबिंद) सप्ताह 09 मार्च से 15 मार्च तक "भविष्य को स्पष्ट रूप से देखें" थीम के तहत मनाया जा रहा है। इस संबंध में नर्सिंग स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित जागरूकता रैली को सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
होशियारपुर- स्वास्थ्य विभाग पंजाब के दिशानिर्देशों के अनुसार, विश्व ग्लूकोमा (मोतियाबिंद) सप्ताह 09 मार्च से 15 मार्च तक "भविष्य को स्पष्ट रूप से देखें" थीम के तहत मनाया जा रहा है। इस संबंध में नर्सिंग स्कूल के विद्यार्थियों द्वारा आयोजित जागरूकता रैली को सिविल सर्जन डॉ. पवन कुमार शगोत्रा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमारी, मास मीडिया विंग से डिप्टी मास मीडिया अधिकारी डॉ. तृप्ता देवी, डिप्टी मास मीडिया अधिकारी रमनदीप कौर, नर्सिंग स्कूल की प्रिंसिपल मैडम सुखविंदर कौर और जिला नेत्रदान एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद थे।
मोतियाबिंद के बारे में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन ने बताया कि ग्लूकोमा भारत में स्थायी अंधेपन के मुख्य कारणों में से एक है। भारत में कुल अंधे लोगों में से 12 प्रतिशत मोतियाबिंद के कारण अंधे हैं। असामान्य सिरदर्द या आंखों में दर्द, बार-बार पढ़ने का चश्मा बदलना, रोशनी के चारों ओर रंगीन प्रभामंडल, अचानक दृष्टि हानि के साथ-साथ आंखों में दर्द व लाली तथा दृष्टि का सीमित क्षेत्र ग्लूकोमा के लक्षण हैं।
उन्होंने कहा कि 40 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को वर्ष में एक बार अपनी आंखों की जांच जरूर करवानी चाहिए ताकि समय रहते रोग की पहचान हो सके तथा उपचार शुरू किया जा सके। ग्लूकोमा के बारे में जागरूकता ही इस रोग का एकमात्र समाधान है। सहायक सिविल सर्जन डॉ. कमलेश कुमारी ने कहा कि इस सप्ताह के दौरान मोतियाबिंद से ग्रस्त मरीजों की निशुल्क जांच की जाएगी तथा अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर समय रहते ग्लूकोमा (मोतियाबिंद) का पता चल जाए तो इसका उपचार किया जा सकता है तथा आगे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इसलिए नजदीकी अस्पताल में नियमित रूप से अपनी आंखों की जांच अवश्य करवाएं।
