
पंजाब विश्वविद्यालय में 'वैदिक स्वर: विधि और उपयोगिता' पर कार्यशाला का उद्घाटन
चंडीगढ़, 27 फरवरी 2025- दयानन्द चेयर फॉर वैदिक स्टडीज, पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ द्वारा आज दिनांक 27 फरवरी को पंच दिवसीय कार्यशाला“वैदिक स्वर : विधि एवं उपयोगिता” का शुभारम्भ किया गया, जिसमें प्रो. नरेश कुमार धीमान्, दयानन्द चेयर प्रोफेसर, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर, राजस्थान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
चंडीगढ़, 27 फरवरी 2025- दयानन्द चेयर फॉर वैदिक स्टडीज, पंजाब विश्वविद्यालय चण्डीगढ द्वारा आज दिनांक 27 फरवरी को पंच दिवसीय कार्यशाला“वैदिक स्वर : विधि एवं उपयोगिता” का शुभारम्भ किया गया, जिसमें प्रो. नरेश कुमार धीमान्, दयानन्द चेयर प्रोफेसर, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर, राजस्थान मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का शुभारम्भ वैदिक मंगलाचरण के साथ किया गया तथा चेयर के अध्यक्ष प्रो. वी. के. अलंकार ने उपस्थित मुख्य वक्ता व सभी सुधीजनों का वाचिक स्वागत किया। प्रो. नरेश कुमार ने वैदिक मन्त्रों का सामान्य परिचय प्रदान करते हुए कहा कि स्वर के माध्यम से ही वेद के अर्थों का सम्यक् अवबोधन सम्भव है।
उन्होंने स्वर के भेदों का वर्गीकरण करते हुए वैदिक व लौकिक स्वरों का सामाञ्जस्य भी दर्शायाहै। गायत्री मन्त्र का स्वर-प्रक्रिया के अनुसार अर्थ-विस्तार करते हुए उनके विभिन्न पदों का माहात्म्य बताया। तत्पश्चात् स्वर-प्रक्रिया के अभ्यास को दोहराते हुए विभिन्न मन्त्रों का स्वरांकन बतलाया।
प्रो. अलंकार ने स्वर के माहात्म्य को जोर देते हुए वैदिक अर्थों को सुचारु रूप से समझने के लिए स्वर को अत्यन्त आवश्यक बताकर विद्यार्थियों को प्रेरित किया। विभाग के सहायक आचार्य डॉ. भारद्वाज ने उपस्थित सभी महानुभावों का धन्यवाद ज्ञापन किया। इसमें संस्कृत विभाग व दयानन्द पीठ सभी आचार्य एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।
